आओ गुर्जरी सीखें
आत्मविश्वास के साथ गुर्जरी बोलें
गुजरी भाषा
गुर्जरी भाषा बहुत ही आसान भाषा है । अगर आपको हिंदी अच्छे तरीक़े से आती है , तो आप गुजरी भी बहुत ही सरल तरीक़े से सीख सकते हैं ।
गुर्जरी भाषा अलग - अलग राज्यों में , अलग अलग तरीक़े से बोली जाती है । इस भाषा को गोज़री भी बोला जाता है । अलग अलग राज्यो में गुर्जरी भाषा में थोड़ा बहुत अंतर देखने को मिलता है ।यह भाषा ब्रज भाषा से भी काफी मिलती जुलती है । मैं दिल्ली और उससे सटे हुए राज्यों में बोले जाने वाली गुर्जरी भाषा का वर्णन करूँगा ।
शहरीकरण के कारण हमारे बहुत सारे भाई और बहन गुर्जरी भाषा से वंचित हो रहे हैं ।मैं इस वेब्सायट के माध्यम से , अपने समाज की ओर से गुर्जरी भाषा सिखाने और अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाने का छोटा सा प्रयास कर रहा हूँ । आशा करता हूँ इस माध्यम से गुर्जरी सीखने में आपको सहायता मिलेगी और आप गुर्जरी को कम से कम समझ अवश्य पायेंगे ।
आप मुझे अपना छोटा भाई समझ कर अपने सुझाव के लिए संदेश अवश्य भेजे हैं । आपका संदेश हमें वेब्सायट को और बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करेगा ।
धन्यवाद
दीपक लोहिया (लोहमोड )
अध्याय 1
ओ का अधिकांश प्रयोग
हिंदी के मुक़ाबले गुजरी में ओ का प्रयोग अधिक होता है , जैसे कि :
हिंदी: आँख = गुजरी : औख
हिंदी: नाक = गुजरी : नौक
हिंदी: कान = गुजरी : कौण
हिंदी: क्या तुझे पता है ? = गुजरी : के तोय पतो है
हिंदी: कहाँ हो ? = गुजरी : कोहों है ?
हिंदी: कहाँ गया है ? = गुजरी : कोहों गायो है ?
अध्याय: 2
रौय और रौऊ का प्रयोग
सवाल पूछते समय रौय (रहे हो) और के (क्या ) का प्रयोग अधिकतर किया जाता है , जैसे कि :
हिंदी: क्या खा रहे हो ? = गुजरी : के खा रौय ?
हिंदी: क्या पी रहे हो ? = गुजरी : के पी रोए रौय ?
हिंदी: कहाँ जा रहे हो ? = गुजरी : कोहों जा रौय ?
सवाल का जवाब देते समय रौऊ (रहा हूँ) का प्रयोग अधिकतर किया जाता है , जैसे कि :
हिंदी: रोटी खा रहा हूँ ।= गुजरी : रोटी खा रौऊ ।
हिंदी: पानी पी रहा हूँ । = गुजरी : पानी पी रौऊ।
हिंदी: घर जा रहा हूँ । = गुजरी : घर जा रौऊ ।
अध्याय: 3
गुर्जरी शब्दावली
गुर्जरी भाषा में निम्नलिखित हिंदी शब्दों कोे बदल दिया जाता है , जैसे कि :
हिंदी: न = गुजरी : ण
हिंदी: नहीं = गुजरी : नो
हिंदी: मुझे = गुजरी : मोय
हिंदी: तुझे = गुजरी : तोय
हिंदी: से = गुजरी : त ( कहीं-कहीं सू भी बोला जाता है )
हिंदी: रहा = गुजरी : रो
हिंदी: रहे = गुजरी : रे
हिंदी: के लिए = गुजरी : कु
हिंदी: तुम = गुजरी : तम ( कहीं-कहीं थम भी बोला जाता है )
हिंदी: पाँच = पोच
हिंदी: थे = हे
हिंदी: था = हौ
उदाहरण के लिए :
हिंदी: पानी पी लो / ले । = गुजरी : पोणी पी लो / लै।
हिंदी: मुझे नहीं पता । = गुजरी : मोय नो पतो ।
हिंदी: तुझे नहीं पता । = गुजरी : तोय नो पतो ।
हिंदी: टंकी से पानी गिर रहा है । = गुजरी : टंकी त पोणी गिर रो है / रौय ।
हिंदी: तुम क्या खा रहे हो ? = गुजरी: तम के खा रे हो ?
हिंदी: नहाने के लिए जा रहा हूँ । = गुजरी : नहाणे कु जा रो हूँ / रौऊ ।
हिंदी: पांडव पाँच थे ।= गुजरी: पोंडव पोच हे ।
हिंदी: मोहन अच्छा इंसान था ।= गुजरी: मोहन अच्छो इनसोन हौ ।
अध्याय: 4
लिंग एवं वचन
गुर्जरी भाषा में स्त्रीलिंग के लिए "ई" को और पुलिंग (पुरुष) के लिए "ओ" को जोड़ दिया जाता है , जैसे कि :
स्त्री : कोहों जा रही है ।
पुरुष : कोहों जा रहो है ।
स्त्री : के खाएगी ?
पुरुष : के खाएगो ।
गुर्जरी भाषा में बहुवचन के लिए "न" को जोड़ दिया जाता है , जैसे कि :
एकवचन : खेत , बाग , रात , घर
बहुवचन : खेतन , बागन , रातन , घरन
हिंदी: खेत में पानी डाल दो ।= गुजरी : खेतन मै पोणी डाल दो ।
हिंदी: बागों में फूल खिलते हैं । = गुजरी : बागन मै फूल खिलै हैं ।
हिंदी: उल्लू रातों में जागता है । = गुजरी : उल्लू रातन मैं जागे है ।
हिंदी: बाढ़ का पानी घरों में घुस गया । = गुजरी : बाढ़ को पोणी घरन मैं घुस गो ।
अध्याय: 5
प्रतिदिन प्रयोग में आने वाले वाक्य
हिंदी: आपका नाम क्या है ?
गुजरी: थारो/आपको नोम के है ?
हिंदी: आप कहाँ रहते हो ?
गुजरी: आप/तम कोहो रहो हो ?
हिंदी: तुम क्या खा रहे हो ?
गुजरी: तम के खा रे हो ?
हिंदी: क्या आपने खाना खा लिया ?
गुजरी: के थमनै / तमनै खाणो खा लियो ?
हिंदी: मेने एक रोटी खाई ।
गुजरी: मैंणै एक रोटी खाई ।
हिंदी: मुझे भूख लगी है ।
गुजरी: मौय भूख लगी है ।
हिंदी: मैं कल ख़रीदारी के लिए जाऊँगा ।
गुजरी: मैं कल ख़रीदारी कु जाऊँगो ।
हिंदी: मुझे पाँच रुपये चाहिए ।
गुजरी: मोअै पोच रूपिया चहिय ।
हिंदी: मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ ।
गुजरी: में तमसू / तोतै बोहोत प्यार करूँ हूँ ।
अध्याय: 6
कुछ सुने - अनसुने गुज़री शब्द
बीटोडा = उपलों से बना घर या समूह
जोहड़ = तालाब जिसमें अक्सर भैंसे नहाती हैं
मुहाण = मधुमक्की या उनका समूह
किवाड़ = दरवाज़ा जो अक्सर गाँव में देखने को मिलता है
छाज = गेहु / अनाज को मिट्टी से अलग करने या छानने वाली वस्तु
न्योणा = दूध निकालते समय गाय के पैरों में बांधने वाली रस्सी जिस्से गई लात ना मारे
न्यार = गाय या भैंस को खिलाने जाने वाला चारा (भूसा )
दुकड़िया - बैठक , अक्सर पुरुष मेहमान एवं रिस्तेदार यही बैठा करते हैं
मोमदस्ता = अन्नादि कूटने का पत्थर या लोहे का पात्र।
झौड़ा / ढोकड़ = कांटो वाली लकड़ियों या झाड़ का समूह
डीबला = दीपक/ दिया
भाजड़ = बर्तन या बर्तनों का समूह